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विविधता में एकता

भारत की सबसे बड़ी शक्ति

"हमारी एकता हमारी ताकत है, और हमारी विविधता हमारी शक्ति है।" - एपीजे अब्दुल कलाम

सुबह की शुरुआत

मुंबई की छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन पर सुबह 7:30 बजे, राजेश कुमार अपनी दैनिक यात्रा के लिए लोकल ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहा था। गुजराती परिवार से आने वाला राजेश, पिछले दस सालों से मुंबई में रह रहा था, लेकिन हर दिन यह शहर उसे कुछ नया सिखाता था।

जैसे ही ट्रेन आई, वह परिचित भीड़ के साथ डिब्बे में चढ़ गया। उसके बगल में खड़ा था रमेश - एक तमिल इंजीनियर जो रोज़ाना अंग्रेजी, तमिल और हिंदी के मिश्रण में अपने सहयोगियों से बात करता था। दूसरी तरफ थी प्रिया, एक मराठी शिक्षिका जो अपने मोबाइल पर किसी को मराठी में समझा रही थी कि "आज शाम को गणपति विसर्जन में सभी को आना है।"

भाषाओं का सुंदर मेल

अचानक, ट्रेन में एक बुजुर्ग व्यक्ति का दिल दौरा पड़ गया। वे बंगाली थे और दर्द से तड़प रहे थे, लेकिन केवल बंगाली बोल पा रहे थे। राजेश को बंगाली नहीं आती थी, लेकिन उसने तुरंत समझ लिया कि कुछ गलत है। उसने हिंदी में चिल्लाकर कहा, "कोई डॉक्टर है क्या?"

तभी डिब्बे के दूसरे कोने से आवाज आई - "আমি ডাক্তার!" (मैं डॉक्टर हूँ!) एक युवा लड़की ने बंगाली में जवाब दिया। डॉ. अंकिता चटर्जी, जो कोलकाता से मुंबई में अपनी मेडिकल प्रैक्टिस के लिए आई थी, तुरंत आगे बढ़ी। वह बुजुर्ग से बंगाली में बात करने लगी, "দাদু, চিন্তা করবেন না। আমি ডাক্তার।" (दादाजी, चिंता मत करिए। मैं डॉक्टर हूँ।)

इस बीच, प्रिया ने अपना पानी की बोतल निकाली और मराठी में कहा, "पाणी घ्या दादाजी।" राजेश ने अपने बैग से दवाई निकाली और कहा, "मेरे पास सर्दी की दवाई है, पर यह काम आ सकती है।" रमेश ने तुरंत अपने फोन से एम्बुलेंस को कॉल किया और तमिल-अंग्रेजी मिश्रण में पता बताया।

एकजुट प्रयास

अगले स्टेशन पर, पूरा डिब्बा एकजुट हो गया। एक पंजाबी ट्रक ड्राइवर ने अपने मजबूत हाथों से बुजुर्ग को उठाया और पंजाबी में कहा, "चिंता ना करो बाबाजी, सब ठीक हो जाएगा।" एक केरल से आया इंजीनियर स्टेशन मास्टर को मलयालम में स्थिति समझाने लगा।

जब एम्बुलेंस आई, तो डॉ. अंकिता ने हिंदी में पैरामेडिक्स को पूरी स्थिति बताई। बुजुर्ग के होश में आने पर, उन्होंने धीमी आवाज में बंगाली में कहा, "আপনাদের ধন্যবাদ। আপনারা আমার পরিবারের মতো।" (आप सभी का धन्यवाद। आप सब मेरे परिवार की तरह हैं।)

डॉ. अंकिता ने अनुवाद किया, और पूरे डिब्बे में मुस्कान फैल गई। राजेश ने महसूस किया कि भले ही वे सभी अलग भाषाएं बोलते हों, लेकिन मानवता की भाषा सबकी एक ही है।

दैनिक जीवन में एकता

यह घटना राजेश के लिए एक महत्वपूर्ण अहसास थी। अगले दिन उसने ध्यान दिया कि कैसे उसके ऑफिस में भी यही विविधता है। उसका बॉस तेलुगू में घर पर बात करता है, लेकिन ऑफिस में अंग्रेजी में। उसकी सहयोगी असमिया है लेकिन हिंदी में चुटकुले सुनाती है। कैंटीन वाला भइया भोजपुरी में गाना गाते हुए दक्षिण भारतीय खाना बनाता है।

शाम को जब राजेश घर पहुंचा, तो उसकी मराठी पड़ोसी आंटी ने उसे गुजराती में "कमस छे?" (कैसे हो?) कहकर पूछा। उसके बच्चे हिंदी कार्टून देखते हुए अंग्रेजी होमवर्क कर रहे थे। उसकी पत्नी तमिल दोस्त के साथ फोन पर बात करते हुए गुजराती खाना बना रही थी।

त्योहारों में एकता

कुछ महीने बाद गणेश चतुर्थी आई। राजेश के मोहल्ले में सभी समुदाय के लोगों ने मिलकर गणपति की स्थापना की। बंगाली परिवार ने मिठाई बनाई, तमिल परिवार ने नारियल की माला तैयार की, पंजाबी परिवार ने ढोल बजाया, और केरल के लोगों ने दीप जलाए।

विसर्जन के दिन, वही बुजुर्ग बंगाली व्यक्ति भी आए जिनकी ट्रेन में तबीयत खराब हुई थी। वे बंगाली में गणपति के भजन गा रहे थे, जबकि बाकी लोग मराठी में जवाब दे रहे थे। राजेश ने देखा कि संगीत और भक्ति की कोई भाषा नहीं होती।

वैश्विक गांव का हिस्सा

आज राजेश एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी में काम करता है जहां वह अमेरिकी क्लाइंट्स से अंग्रेजी में बात करता है, जापानी टीम के साथ प्रेजेंटेशन देता है, और जर्मन पार्टनर्स के साथ वीडियो कॉल करता है। लेकिन जब वह घर आता है, तो उसकी माँ से गुजराती में बात करता है, बच्चों के साथ हिंदी में खेलता है, और दोस्तों के साथ अंग्रेजी-हिंदी की मिली-जुली भाषा में हंसता है।

उसे लगता है कि भारत की यही खूबसूरती है - यहाँ हर व्यक्ति कई भाषाओं का पुल है, कई संस्कृतियों का मिलन बिंदु है। जब विदेशी मित्र उससे पूछते हैं कि भारत इतना विविधतापूर्ण होकर भी एक कैसे है, तो वह मुस्कराकर कहता है, "क्योंकि हमारे दिल एक ही धड़कते हैं।"

आज का संदेश

आज जब राजेश अपने बेटे को स्कूल छोड़ने जाता है, तो देखता है कि वहाँ बच्चे अलग-अलग भाषाओं में एक-दूसरे से बात करते हुए एक ही खेल खेल रहे हैं। उसका बेटा तमिल दोस्त को गुजराती गाना सिखा रहा है, जबकि मराठी लड़की उन्हें अंग्रेजी जोक्स सुना रही है।

राजेश सोचता है कि यही तो है भारत की असली ताकत। हमारी विविधता हमारी कमजोरी नहीं, बल्कि हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है। हर भाषा एक खजाना है, हर संस्कृति एक रंग है, और जब ये सब मिलते हैं तो बनता है एक खूबसूरत इंद्रधनुष - हमारा भारत।

जैसा कि महात्मा गांधी ने कहा था, "हमारी एकता हमारी विविधता के बावजूद नहीं, बल्कि हमारी विविधता के कारण मजबूत है।" और यही है आज के भारत की सच्चाई - अनेकता में एकता, विविधता में एकजुटता।

"भारत सिर्फ एक देश नहीं है, यह एक भावना है, एक अनुभव है, एक परिवार है।" - आज का भारत
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